गौमूत्र का उपयोग जैविक खेती से लेकर चिकित्सा में किया जाता है। जैविक खेती में कीटनियंत्रक के रूप में गौमूत्र का प्रयोग किया जाता है। तरह-तरह के कीटनियंत्रक जैसे दशपर्णी अर्क, पंचपर्णी अर्क इत्यादि में गौमूत्र को मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है।

यही नहीं गौमूत्र का प्रयोग आयुर्वेद में भी प्रचलित है, क्योंकि इसमें Bio-enhancer गुण हैं, यानि यह किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के गुण को बढ़ा देता है। इसके उपयोग की विधि कुशल वैद्यों द्वारा की जाती है।

पंचगव्य चिकित्सा जो की आयुर्वेद का ही एक अंग है, इसमें गौमूत्र को आधार बनाकर कई प्रकार की बीमारियों की औषधि बनाई जाती है।

औषधि बनाने का कार्य वैसे वैद्य करते हैं जिन्हें औषधियों का विशेष ज्ञान होता है।


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